बुधवार, 6 अक्तूबर 2010

माँ की यादों संग कुछ चीजें,
हाँ, याद मुझे आ जाती हैं !
इन चीजों के याद आने से,
माँ, याद मुझे आ जाती है !!



पिसती मिर्ची के भाटे से
गूंधते, गेहूं के आटे से
गारे का चुल्हा जलने से
गुड़ के हांड़ी में गलने से
वो रई से छाछ बिलोने से
हाथ के बने खिलोने से

सर पर चारे के भारे से
उस घर के गोबर गारे से

दाजी के धूलते कुर्ते से
कच्चे बैंगन के भुर्ते से
गेहनू से कंकड़ चुनने से
खटल्या गुदड़ी बुनने से
मांजती कांसी की थाली से
उस खुरपी,खेत,कुदाली से
हम बच्चों की बीमारी से
बस्ती की बची उधारी से



इन चीजों के याद आने से
माँ , याद मुझे आ जाती है !
माँ की यादों संग कुछ चीजें
हाँ , याद मुझे आ जाती है !!

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